
‘यूके में रहना कानूनी रूप से वैध’, आर्म्स डीलर संजय भंडारी ने खुद को ‘भगोड़ा’ घोषित करने की ED की याचिक

Sanjay Bhandari Extradition Case: दिल्ली की रॉउज एवन्यू कोर्ट ने चर्चित हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उन्हें ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की मांग की गई थी. भंडारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल का ब्रिटेन में रहना पूरी तरह वैध है और भारत सरकार खुद यूके की अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकती.
UK कोर्ट के आदेश से मिला है संरक्षण
वकील ने कोर्ट में दलील दी कि फरवरी 2025 में लंदन की हाई कोर्ट ने भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को खारिज करते हुए कहा था कि तिहाड़ जेल में उनके साथ हिंसा और जबरन वसूली का वास्तविक खतरा है. इसके आधार पर यूके सरकार ने उन्हें प्रत्यर्पण से ‘डिस्चार्ज’ कर दिया. वकील ने कहा कि यदि भंडारी को यूके कोर्ट ने संरक्षण दिया है, तो उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित करना कानूनन गलत होगा.
100 करोड़ रूपये की शर्त नहीं हुई पूरी
भंडारी के वकील ने यह भी कहा कि ED की याचिका ‘फगिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट’ की आवश्यक शर्तें पूरी नहीं करती. उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत आरोपी को तभी ‘भगोड़ा’ घोषित किया जा सकता है जब उस पर लगे आरोपों की राशि 100 करोड़ या उससे अधिक हो. मगर आयकर विभाग ने दिल्ली हाई कोर्ट में खुद स्वीकार किया था कि संजय भंडारी के खिलाफ कथित कर चोरी और काले धन के आरोपों की राशि 100 करोड़ से कम है.
ED ने कोर्ट को किया गुमराह- वकील
संजय भंडारी के वकील ने आरोप लगाया कि जब ED ने यह याचिका दायर की, तब ऐसा कोई मूल्यांकन उपलब्ध नहीं था जो 100 करोड़ की पुष्टि करता हो, फिर भी कोर्ट को यह समझाया गया कि यह राशि पार हो चुकी है.
ED को जवाब का समय, अगली सुनवाई 3 मई को
स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सुनवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय को भंडारी के तर्कों पर जवाब देने के लिए 3 मई तक का समय दिया. कोर्ट ने कहा न्याय के हित में समय दिया जाता है. अब इस याचिका पर ED की ओर से जवाबी बहस 3 मई को सुनी जाएगी.
संजय भंडारी का रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले में भी आ चुका है नाम
गौरतलब है कि संजय भंडारी का नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में भी आ चुका है. इसके अलावा हाल ही में यूके कोर्ट द्वारा भारत सरकार की एक और प्रत्यर्पण याचिका खारिज किए जाने के बाद मेहुल चोकसी ने भी भंडारी के केस का हवाला दिया है.
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