
‘तुम मेंटली सिक हो, माफी मांगो वरना…’, पहलगाम हमले पर पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त ने दिया ऐसा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले को ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ बताने पर विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विवेक काटजू ने पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित को जमकर सुनाया है. उन्होंने कहा है कि ऐसी बातें करने वाले दिमागी रूप से बीमार हैं और अब्दुल बासित को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर माफी मांगनी चाहिए. अब्दुल बासित ने आरोप लगाया है कि भारत की डीप स्टेट पहलगाम हमले में शामिल है और पाकिस्तान पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने बार-बार कहा कि भारत सबूत पेश करे.
एक टीवी डिबेट में अब्दुल बासित ने कहा कि मुंबई हमलों के मामले में भारत ने जल्दबाजी दिखाई और अजमल कसाब को 2012 में फांसी पर चढ़ा दिया. यहां तक कि पाकिस्तान को क्रॉस एग्जामिनेशन का भी मौका नहीं दिया गया. उन्होंने उरी और पुलवामा का भी जिक्र किया और कहा कि तब भी भारत ने कोई सबूत नहीं दिया. अब पहलगाम में भी इंडियन मीडिया ने तुरंत ही पाकिस्तान पर आरोप लगाने शुरू कर दिए, जबकि कोई सबूत अब तक सामने नहीं आया है.
उरी हमले का जिक्र कर क्या बोले अब्दुल बासित?
अब्दुल बासित ने कहा कि जब 22 जनवरी, 2016 का पठानकोट और सितंबर, 2016 का उरी हमला हुआ, तब मैं भारत में ही था. पाकिस्तान ने नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर और भारत सरकार की इंफोर्मेशन के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई थी, लेकिन जब हमारी टीम इंडिया पहुंची तो उसको क्रॉस एग्जामिनेशन भी नहीं करने दिया गया.
उन्होंने कहा कि उस एसपी से पूछताछ नहीं करने दी जो दावा कर रहा था कि उसकी कार हाईजैक की गई और पठानकोट एयरबेस में जाने के लिए उसकी कार का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि जैसे ही पाकिस्तान की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम भारत पहुंची तो इंडिया ने तुरंत ही रेसिप्रोकल विजिट की मांग शुरू कर दी. मैंने उस वक्त भी कहा था कि ऐसे मामलों में इस तरह की मांग नहीं कर सकते हैं, जबकि क्राइम सीन भारत में ही था.
‘पहलगाम हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत दे भारत’, बोले अब्दुल बासित
अब्दुल बासित ने पहलगाम हमले के प्रूफ की मांग करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर भारत के पास पुख्ता सबूत हैं तो उसको पाकिस्तान के सामने रखने चाहिए और अगर वो ऐसा नहीं करता है तो वैश्विक स्तर पर इसकी जांच होनी चाहिए. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि भारत ये स्वीकार करने से पीछे क्यों हट रहा है, जबकि ये साफ है कि उसके पास ऐसा कुछ नहीं है, जो ये साबित करे कि पाकिस्तान हमले में शामिल था.’
अब्दुल बासित के इन दावों पर विवेक काटजू ने उन्हें जमकर सुनाया. विवेक काटजू ने कहा, ‘पिछले 35 सालों से पूरी दुनिया देख रही है कि पाकिस्तान किस तरह आतंकवाद में शामिल है. एलओसी, इंटरनेशनल बॉर्डर और भारत के कई हिस्सों में हुए हमले इस बात के गवाह हैं. ये कोई सीक्रेट नहीं है. पाकिस्तान क्यों FATF लिस्ट में है क्योंकि वो टेरर फंडिंग करता है.’
विवेक काटजू ने अब्दुल बासित को खूब सुनाया
विवेक काटजू ने कहा कि पाकिस्तान ऐसे संगठनों को अपनी जमीन पर पालता रहा है और दिलचस्प बात ये है कि जिन संगठनों को उसने पनाह दी हुई है अब उन्होंने उसके ही राज्यों के खिलाफ बंदूकें उठा ली हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद को आतंकवाद के पीड़ित के तौर पर पेश करता है, जबकि वो खुद अपराधी है, आतंकवाद को बढ़ावा देने का.
विवेक काटजू ने कहा, ‘सच तो ये है कि पाकिस्तानी आर्मी ने आतंकवाद को अपने रणनीतिक सिद्धांत का हिस्सा बना लिया है. तो जब मेरे पाकिस्तानी दोस्त सबूत मांग रहे हैं तो मैं उनसे कहूंगा कि मुझे प्रूफ देने की जरूरत नहीं है. 35 साल से भारत ही नहीं पूरी दुनिया पाकिस्तान की हरकतों को देख रही है कि कैसे उसने आतंकवाद को बढ़ावा दिया है.’
‘अब्दुल बासित में इतनी कड़वाहट’, बोले विवेक काटजू
विवेक काटजू ने कहा कि जो भी इस बर्बर आतंकी हमले को ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ बता रहा है, वो दिमागी रूप से बीमार है, जो भी बार-बार ये दोहराता है, वो मेंटली सिक है. मुझे अफसोस है कि अब्दुल बासित पाकिस्तान की फॉरेन सर्विस में इतने बड़े औहदे पर रह चुके हैं और उनके अंदर इतनी कड़वाहट आ चुकी है, जो पहले नहीं थी.
विवेक काटजू ने कहा, ‘अब्दुल बासित को फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन जैसी बातें करने पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. मैंने कभी इतने सीनियर डिप्लोमैट के मुंह से ऐसे शब्द नहीं सुने हैं. अब मुझे पाकिस्तानी पीएम की इस सोच पर बिल्कुल अचंभा नहीं है कि उन्होंने इन्हें विदेश सचिव का ऑफर देने के बाद उससे इनकार कर दिया था.’
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