
Caste Census Live: मोदी सरकार ने लिया जाति जनगणना कराने फैसला, कांग्रेस बोली- देर आए, दुरुस्त आए

Caste Census Live: दिल्ली में बुधवार (30 अप्रैल 2025) को मोदी कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए गए. केंद्र सरकार ने देशभर में जाति जनगणना कराने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गन्ना किसानों को भी खुशखबरी दी है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना प्रक्रिया में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा. भारत में प्रत्येक 10 साल में होने वाली जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई.
सरकार ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी 2025-26 सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 4.41 फीसदी बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया. चालू 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. केंद्र सरकार एफआरपी तय करती है, जो अनिवार्य न्यूनतम मूल्य है. चीनी मिलें गन्ना किसानों को उनकी उपज के लिए यह मूल्य देने को कानूनी रूप से बाध्य हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीसीईए की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मूल वसूली दर यानी प्रसंस्करण के दौरान गन्ने से प्राप्त चीनी 10.25 फीसदी रहने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी स्वीकृत किया गया है. बयान में कहा गया कि गन्ने से चीनी प्राप्ति 10.25 फीसदी से अधिक होने पर प्रत्येक 0.1 फीसदी वृद्धि के लिए किसानों को 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम दिया जाएगा.
बयान के अनुसार चीनी सत्र 2025-26 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 173 रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसे में 10.25 फीसदी चीनी प्राप्ति दर पर 2025-26 के लिए निर्धारित 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी उत्पादन लागत से 105.2 फीसदी अधिक है.
कांग्रेस ने अगली जनगणना में जातिगत गणना कराए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर कहा कि देर आए, दुरुस्त आए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बीते नौ अप्रैल को कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में पारित उस प्रस्ताव का हवाला दिया कि जिसमें जाति जनगणना की पैरवी करते हुए कहा गया था कि सामाजिक न्याय की बुनियाद को और सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है
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