
पाकिस्तान के वो 10 बड़े झूठ, जिसे भारत ने दुनिया के सामने लाकर कर दी ‘शरीफ’ सरकार की बोलती बंद
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत-पाकिस्तान में तनाव चरम पर पहुंच गया है. भारत ने एयर स्ट्राइक कर 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया. अपनी अवाम और दुनिया को गुमराह करने के लिए पाकिस्तान हमेशा से झूठ बोलता रहा है.
भारत ने प्रेस ब्रीफिंग कर सिलसिलेवार ढंग से पाकिस्तान के सारे झूठ को बेनकाब किया. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को पूरी जानकारी दी. आपको पाकिस्तान के 10 झूठ बताते हैं-
सबसे पहले भारत पर उकसाने का लगाया आरोप
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारत की तरफ से कोई उकसावे की कार्रवाई नहीं की गई. पाकिस्तान ने पहलगाम में हमला कर भारत को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर किया.
आतंकी संगठन टीआरएफ को लेकर पाकिस्तान ने बोला झूठ
विदेश सचिव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति में जब पहलगाम हमले को लेकर प्रेस रिलीज जारी करने की बात हो रही थी तो आप सोचिए कि किस देश ने टीआरएफ के उल्लेख का विरोध किया था? पाकिस्तान ने 2 बार इसे रोकने की कोशिश की. भारत का जवाब सटीक, संतुलित और केंद्रित है.
आतंकियों की पनाह को लेकर हमेशा झूठ बोलता है PAK
प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव ने बताया कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने की बात से हमेशा इनकार करता आया है. ये बताने की जरूरत नहीं है कि ओसामा बिन लादेन कहां पाया गया और किसने उसे शहीद बताया? पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करता रहा कि साजिद मीर मारा गया, जबकि बाद में वह उसी मुल्क में जिंदा पाया गया. पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंधित कई आतंकी मौजूद हैं. इनमें मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकी शामिल हैं.
संयुक्त जांच भी पाकिस्तान का बड़ा झूठ
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का कहना है कि पहलगाम मामले में संयुक्त जांच होनी चाहिए जबकि हम सभी इतिहास जानते हैं कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. मुंबई हमले हों या पठानकोट हमला हो, भारत ने ऐसे कई आतंकी हमलों में फॉरेंसिक साक्ष्य दिए. पाकिस्तान को जांच का मौका दिया, लेकिन उसने कुछ खास कार्रवाई नहीं की.
आम लोगों के मारे जाने का झूठा आरोप
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ने ये भी गलत दावा किया कि भारत की कार्रवाई में उसके आम नागरिक मारे गए हैं. हमने स्पष्ट किया है कि हमारे सारे हमले आतंकी ढांचों के खिलाफ थे, जिन्हें सावधानीपूर्वक चुना गया. हमने हमलों के बाद आतंकियों के जनाजों की तस्वीरें भी देखी हैं, जिनमें पाकिस्तान की सेना के अफसर नजर आ रहे हैं. अगर आम नागरिक मारे गए हैं तो फिर वो तस्वीरें क्या कह रही हैं?
भारत के धार्मिक जगहों पर हमले का झूठा आरोप
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ये भी झूठ फैला रहा है कि भारत धार्मिक जगहों पर हमला कर रहा है, जबकि भारत के निशाने पर आतंकी और उनके स्थान रहे हैं. सच्चाई ये है कि पाकिस्तान ने बुधवार को पुंछ में गुरुद्वारे पर और सिख परिवारों के घरों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसमें तीन लोग मारे गए.
वो हमें जवाब दे रहा- पाकिस्तान का झूठ
‘पाकिस्तान के सेना प्रमुख का 16 अप्रैल को जो बयान आया, वह साम्प्रदायिक है. पहलगाम हमले में भी धर्म पूछकर आतंकियों ने गोलियां चलाईं. पाकिस्तान इन मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा. भारत में हर धर्म, हर आस्था के लोगों ने आतंकी हमलों की निंदा की है. पाकिस्तान कह रहा है कि वह भारत को जवाब दे रहा है, जबकि हकीकत यह है कि जवाब हम उसे दे रहे हैं.
बांध को निशाना बनाने को लेकर भी बोला झूठ
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान दावा कर रहा है कि भारत ने पीओके में नीलम-झेलम बांध को निशाना बनाया है, जबकि यह सरासर झूठ है. भारत ने सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया है. पाकिस्तान इस तरह के आरोपों की आड़ में हमारे ठिकानों को निशाना बनाने की हिमाकत करेगा, तो वह खुद इसके नतीजों का जिम्मेदार होगा.
जल संधि को लेकर भी पाकिस्तान ने बोला झूठ
विदेश सचिव ने बताया कि सिंधु जल संधि के बारे में भी पाकिस्तान झूठ फैला रहा है. अब इस संधि के दोबारा आकलन की जरूरत है. पिछले डेढ़-दो साल से भारत ने पाकिस्तान को बातचीत का न्योता दिया. भारत ने छह दशक तक इस संधि का सम्मान किया, जबकि पाकिस्तान भारत पर हमले की साजिश रचता रहा. भारत ने जब भी पश्चिमी या पूर्वी नदियों पर कोई प्रोजेक्ट शुरू करने की कोशिश की तो पाकिस्तान ने हमेशा उसका विरोध किया.
भारत के ड्रोन और विमान मार गिराने को लेकर भी बोला झूठ
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री यह दावा कर रहे हैं कि हमने भारत के ड्रोन और विमान गिरा दिए हैं. अगर वे इस तरह की बातें कर रहे हैं तो इसमें अचरज की कोई बात नहीं है. यह ऐसा मुल्क है जिसके जन्म के साथ ही झूठ शुरू हो गया था. 1947 में जब पाकिस्तानी फौज ने जम्मू-कश्मीर पर धावा बोला तो उन्होंने किसी ऐसे-वैसे व्यक्ति से नहीं बल्कि यूनाइटेड नेशंस से भी झूठ बोला कि हमारा इससे लेना-देना नहीं है. झूठ की ये यात्रा 75 साल पहले ही शुरू हो चुकी है.
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